सांसदों, विधायकों .... की औलादों को आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाए- राजा भैया यूपी कुंडा विधायक

सांसदों, विधायकों .... की औलादों को आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाए- राजा भैया यूपी कुंडा विधायक

लखनऊ: आरक्षण भारतीय राजनीति में एक बड़ा मुद्दा है , जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते हैं वैसे ही राजनीति पार्टियां और नेता इस मुद्दे पर बात करना और बयान देना शुरू कर देते हैं! लेकिन इस पर खुलकर  नहीं करती है। न आरक्षण के पक्ष में न आरक्षण के विरोध में, ज्यादातर पार्टियां संविधान के अनुसार आरक्षण लागू करने की बात कह कर इसे टालने का प्रयास करती है। लेकिन आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंडा से विधायक राजा भैया ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि  " सांसदों, विधायकों और अफसरों की औलादों को आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। आरक्षण की मूल अवधारणा यह है कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की जिंदगी बदले। एक बार जब कोई सांसद, विधायक या आईएएस/अफसर बन जाता है, तो उसके बच्चों की जिंदगी अपने आप सुधर जाती है। लेकिन आरक्षण उन परिवारों को और ताकतवर बना रहा है जो पहले ही सत्ता और सुविधा का स्वाद चख चुके हैं। लोगों का कहना है कि इस बयान पर वास्तव में सरकार को सोचना चाहिए जिससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिल सके और उसका जीवन बेहतर हो सके।"
विधायक राजा भैया का ये बयान भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है! 

 

आज आरक्षण को लेकर समाज दो हिस्सों में बटा हुआ एक , समाज का एक वर्ग आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात करता है दूसरा जातिगत ! भारतीय राजनेता सिर्फ राजनीति करते हैं दोनों वर्गों में अपने बयानों से खटास पैदा करते हैं! 

 

गौरतलब है कि भारत में आरक्षण मुख्य रूप से सामाजिक, शैक्षिक और ऐतिहासिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया जाता है, जिसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) शामिल हैं। 2019 के 103वें संविधान संशोधन के बाद से, सर्वण वर्ग को भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को भी उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण का लाभ दिया जाता है। 

1 week, 6 days ago राजनीति