
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की है और बैन की मांग की ,इस पर बीजेपी ने विरोध व्यक्त किया , बोली- कांग्रेस नेताओं की अजीबोगरीब मानसिकता
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतीन्द्र सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए उसकी तुलना तालिबान से कर दी है। और कहा आरएसएस सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का वैचारिक मार्गदर्शक है। जबकि तालिबान एक सशस्त्र इस्लामी समूह है जिसने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर दोबारा कब्ज़ा करके वहां शासन शुरु कर दिया था।कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाने की मांग की है। उन्होंने सोमवार को कहा कि "RSS की मानसिकता तालिबान जैसी है। RSS हिंदू धर्म को उसी तरह लागू करना चाहता है जिस तरह तालिबान इस्लाम के सिद्धांतों को थोपने के लिए आदेश जारी करता है।"
इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि RSS अपनी शाखा लगाने के लिए सरकारी परिसरों का इस्तेमाल कर रहा है। मैंने मुख्य सचिव से कहा है कि वे जांच करें और देखें कि तमिलनाडु सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। और क्या उन्हें कर्नाटक में भी लागू किया जा सकता है।
इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के आईटी मिनिस्टर प्रियांक खड़गे ने 4 अक्टूबर को सीएम को लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने राज्य के सरकारी परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर RSS की गतिविधियों पर बैन लगाने की मांग की थी।
तमिलनाडु में राजनीतिक गतिविधियों पर रोक
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में सरकारी परिसरों और स्कूलों में किसी भी तरह की राजनीतिक या धार्मिक संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाई है। कर्नाटक सरकार अब उसी नीति का अध्ययन कर यह तय करेगी कि राज्य में भी वैसी ही कार्रवाई की जाए या नहीं।
दरअसल, RSS लंबे समय से देशभर में सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करता रहा है, जिसमें शाखा लगाना शामिल हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकारी संस्थानों में इस तरह की गतिविधियां राज्य की धर्मनिरपेक्ष नीति और संविधान की भावना के विपरीत हैं।
बीजेपी ने बोला हमला
पूर्व केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने आईएनएस से बातचीत में कहा, “कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और विधायक यतींद्र सिद्धारमैया ने अपने बयान में आरएसएस को तालिबान से जोड़ा है। यह कुछ कांग्रेस नेताओं की बेतुकी सोच को दर्शाता है। यह दुनिया में एक अजीबोगरीब नई मानसिकता लगती है। आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो राष्ट्र की सेवा करता है और चरित्र निर्माण करता है, जिसकी शुरुआत शून्य से हुई है और जो एक सदी से भी ज्यादा समय से दुनिया में एकमात्र ऐसा संगठन है। ऐसे सम्मानित संगठन को तालिबान से जोड़ना गलत और निंदनीय है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि बिना सोचे-समझे ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।”
वहीं बीजेपी नेता बीवाई विजयेंद्र ने प्रियांक खड़गे को निशाने पर लिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, आरएसएस शाखाओं से युवा और वृद्ध दोनों द्वारा गूंजे जा रहे “भारत माता की जय” के नारे और कोरस ने उन लोगों को विचलित कर दिया है जो “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे सुनने के आदी हैं। वजीर-ए-आला सरकार को अपने भाइयों द्वारा हमारे राज्य की सीमा पार से बम विस्फोटों की साजिश रचने से कोई परेशानी नहीं है, अब उन्हें आरएसएस की गतिविधियों में अपराध दिखाई दे रहे है। जिसका एकमात्र उद्देश्य भारत की “सर्वज्ञ उन्नति” है। कांग्रेस की एक के बाद एक सरकारों ने बार-बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की योजना और षड्यंत्र रचे हैं, लेकिन हर बार पूरी तरह विफल रही हैं, क्योंकि आरएसएस की राष्ट्रवाद और सामाजिक सुधार की विचारधारा हमेशा कांग्रेस के भयावह, राष्ट्र-विरोधी इरादों पर विजय पाती रही है। राज्य में टुकड़े-टुकड़े गैंग फिर से उभर आया है, जिसे भाईचारे ने बढ़ावा दिया है।”