
17 साल बाद जेल से रिहा हुए गैंगस्टर अरुण गवली का जेल से निकलते ही फूलों से स्वागत हुआ, जिन्होंने कभी दाऊद से पंगा लेकर अपनी जगह बनाई थी
गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली 17 साल बाद सलाखों से रिहा हो गया है। अरुण 2007 के एक मर्डर केस में जेल की सजा काट रहा था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी, जिसके बाद आज वो जेल से बाहर आ गया है।
- अरुण गवली, जो 2004 में मुंबई की एक विधानसभा सीट से विधायक भी चुना गया था, वह मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था.
जानिए अरुण गवली की पूरी पटकथा
- मराठी वेशभूषा में रहने वाले अरुण गवली ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड में दाऊद इब्राहिम , छोटा राजन और रवि पुजारी जैसे गैंगस्टर से पंगा लेकर अपनी जगह बनाई थी। अरुण गवली को इसके बाद डैडी नाम मिला था। अंडरवर्ल्ड के डैली पर बॉलीवुड में फिल्म बन चुकी है। अरुण गवली सिर्फ का नाम जब मुंबई में लिया जाता था तो अच्छे-अच्छे गैंगस्टर की हवा टाइट हो जाती थी। अरुण गवली ने मुंबई में दगड़ी चॉल को अपने साम्रज्य का गढ़ बनाया था।
17 जुलाई 1955 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के कोपरगांव में जन्मे गवली का परिवार मध्यमवर्गीय था। उन्होंने पहले चिंचपोकली की सिम्प्लेक्स मिल्स और विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस कंपनी में काम किया। बाद में गैंगस्टर पारसनाथ पांडे के जुआ अड्डे पर काम करने से पहले कांजुरमार्ग में क्रॉम्पटन ग्रीव्स में काम किया। गवली ने मैट्रिक के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
दोस्त की मौत पर दुश्मनी
- 1988 में दोस्त रामा नाइक की एक गैंगवार में हत्या कर दी गई। गवली को दाऊद इब्राहिम पर शक हुआ। इसके बाद गवली ने दाऊद का साथ छोड़कर अपना गैंग खड़ा किया। दाऊद और गवली गैंग में कई बार टकराव हुआ ! जब दाऊद मुंबई से निकल चुका था तो गवली का टकराव छोटा राजन से हुआ।
गवली के ऊपर मराठी में 2015 में मूवी बनी थी। 2017 में बॉलीवुड में डैली फिल्म बनी थी। इसमें अरुण गवली का रोल अर्जुन रामपाल ने किया था। नेटफिलिक्स पर एक सीरीज भी आ चुकी है। अब देखना है कि गवली क्या मुंबई स्थानीय निकाय चुनाव यानी बीएमसी चुनावों के एक्टिव होंगे या फिर शांति से अब घर बैठेंगे।