
Retail Inflation: सरकार ने जारी किया आंकड़ा , देश में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.07% हुई ! जुलाई में 1.61% थी
नई दिल्ली: सरकार ने महंगाई दर का आंकड़ा जारी किया है अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 1.61% से बढ़कर 2.07% हो गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले के हाई बेस इफेक्ट (base effects) का असर कम हो गया। महंगाई दर बढ़ने से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। जुलाई में दर 1.55% थी, जो पिछले आठ सालों में सबसे कम थी।
भारतीय रिजर्व बैंक को लगातार तीन तिमाहियों से अधिक समय तक महंगाई को 2%-6% की अपनी सहनशीलता सीमा से आगे नहीं बढ़ने देने का आदेश दिया गया है।
अगस्त में खाद्य पदार्थों की कीमतों में 0.69% की गिरावट आई, जबकि जुलाई में 1.76% की गिरावट आई थी, जबकि सब्जियों की कीमतों में 15.92% की गिरावट आई, जबकि पिछले महीने 20.69% की गिरावट आई थी।
लेकिन इन प्रमुख उपभोक्ता कैटेगरी में मिली राहत
® अगस्त 2025 में खुदरा महंगाई दर भले ही मामूली रूप से बढ़कर 2.07% हो गई हो, लेकिन प्रमुख उपभोक्ता श्रेणियों में महंगाई में राहत देखने को मिली है।
® आवास क्षेत्र में महंगाई दर जुलाई के 3.17% से घटकर अगस्त में 3.09% पर आ गई।
® शिक्षा क्षेत्र की महंगाई दर 4.11% से घटकर 3.60% दर्ज की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी मामूली राहत मिली, जहाँ दर 4.57% से घटकर 4.40% हो गई।
® परिवहन और संचार क्षेत्र की महंगाई दर 2.12% से घटकर 1.94% रही।
वहीं, ईंधन और प्रकाश श्रेणी की मुद्रास्फीति दर जुलाई के 2.67% से घटकर 2.43% दर्ज की गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले के हाई बेस इफेक्ट (base effects) का असर कम हो गया। महंगाई दर बढ़ने से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं।
बेस इफेक्ट का मतलब है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कीमतों में कितना बदलाव आया है। पहले बेस इफेक्ट की वजह से महंगाई दर कम दिख रही थी। लेकिन अगस्त में यह असर कम हो गया। इससे खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी बढ़ गईं। खाने-पीने की चीजें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( Consumer Price Index ) यानी CPI में लगभग आधा हिस्सा रखती हैं। इनकी कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई दर भी बढ़ गई।