
आमेर के शिला माता मंदिर में गूंजे जय माता दी के जयकारे, दंडवत करते पहुंचे भक्त
शारदीय नवरात्रि (22 सितंबर) से शुरू हो गए हैं. शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. आमेर में प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह 6:25 पर घट स्थापना की गई. घट स्थापना के बाद सुबह करीब 7:35 पर भक्तों के लिए दर्शन शुरू किए गए. शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिला. दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में आ रहे हैं.
नवरात्रि के समय शिला माता मंदिर भक्तों का सैलाब हमेशा देखने को मिलता है
मंदिर के महंत ने बताया कि सुबह 6:25 बजे घट स्थापना की गई, जिसके बाद 7:30 बजे मंदिर के द्वार दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। दर्शन का समय सुबह 7:30 से 12:30 और शाम 4:30 से 8:30 तक निर्धारित किया गया है
यहां रोज भोग लगने के बाद ही मंदिर के दरवाजे खुलते हैं. ऐसी परंपरा सदियों से चली आ रही है. माता को विशेष रूप से यहां आमेर की प्रसिद्ध गुजियां व नारियल का प्रसाद चढ़ाया जाता हैं
कहा जाता है कि सन 1604 में जब शिला माता स्वयं जयपुर के तत्कालीन महाराजा मान सिंह के स्वप्न में प्रकट हुईं, तब राजा ने इसे ईश्वरीय संकेत माना। महाराजा मान सिंह स्वयं जेस्सोर (जो वर्तमान में बांग्लादेश में स्थित है) गए और वहाँ समुद्र से शिला माता की मूर्ति प्राप्त कर, उसे आमेर के किले में स्थापित किया। तब से लेकर आज तक, लगभग 400 वर्षों से शिला माता अपने भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती आ रही हैं।
मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन से प्रार्थना करें, तो शिला माता आपकी हर इच्छा पूर्ण करती हैं