
AGR बकाया विवाद में Vodafone Idea ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया , कंपनी पर है 2 लाख करोड़ का कर्ज
Vodafone-Idea: टेलीकॉम सेक्टर की कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है और एजीआर बकाया के कैलकुलेशन को चुनौती दी है. वोडा आइडिया ने AGR बकाया को दोबारा कैलकुलट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है. वोडा आइडिया के वकीलों ने इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. बता दें कि वोडा आइडिया इस समय आर्थिक संकट से जूझ रही है.
कंपनी ने AGR के कैलकुलेशन को दोबारा जांचने और 2017 से पहले के बकाया को फिर से देखने की मांग की है. कंपनी का कहना है कि कई मामलों में AGR की रकम को गलती से दो बार जोड़ा गया, जिससे उनकी बकाया राशि बढ़ गई.
सीएनबीसी-आवाज़ के अनुसार, वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में कहा है कि कई मामलों में AGR को दो बार जोड़ा गया है, जिससे कंपनी पर गलत तरीके से अतिरिक्त बकाया बढ़ गया. इसके पहले, दूरसंचार विभाग ने कंपनी से 5,960 करोड़ रुपए की मांग रखी थी. अब सरकार ने अतिरिक्त 2,774 करोड़ रुपए की मांग की है.
दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया को 13 अगस्त को नोटिस भेजा था और 15 दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा था. कंपनी ने इस नोटिस के जवाब में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, ताकि AGR की गणना में सुधार किया जा सके.
वोडाफोन आइडिया, जो रिलायंस जियो के आने के बाद से ही गंभीर वित्तीय संकट में है, केंद्र सरकार से भी मदद ले चुकी है. कंपनी के कुछ बकाया भुगतान को सरकार ने इक्विटी में बदल दिया है. इसके चलते सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत हो गई है.
वोडाफोन आइडिया पर सरकार का कुल बकाया काफी बड़ा है. इसमें स्पेक्ट्रम बकाया करीब 1.19 लाख करोड़ रुपए और AGR बकाया 83,400 करोड़ रुपए शामिल है. इसका मतलब है कि कंपनी का कुल सरकारी बकाया 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. यह आंकड़ा कंपनी की वित्तीय स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.