अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस पावर के CFO अशोक पाल गिरफ्तार ,  फंड ट्रांसफर में फर्जीवाड़े का आरोप; कंपनी पर ED-CBI की जांच चल रही

अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस पावर के CFO अशोक पाल गिरफ्तार , फंड ट्रांसफर में फर्जीवाड़े का आरोप; कंपनी पर ED-CBI की जांच चल रही

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार रात अनिल अंबानी के सहयोगी रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को फंड ट्रांसफर में फर्जीवाड़े का आरोप में गिरफ्तार किया गया है 

रिलायंस पावर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी, पाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी के दिल्ली कार्यालय से हिरासत में लिया गया। उन्हें सुबह दिल्ली की एक अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है।


पाल को ED ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) देर रात पूछताछ के बाद अरेस्ट किया था। आज (11 अक्टूबर) उन्हें दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट में पेश कर ED ने कस्टडी की मांग की, जो दो दिनों के लिए मंजूर हो गई। पाल सोमवार, 13 अक्टूबर को दोबारा कोर्ट में पेश किए जाएंगे।

ED के मुताबिक, पाल ने रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस से ₹12,524 करोड़ के लोन बांटे, जो ज्यादातर अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए। पाल पर फर्जी दस्तावेजों को मंजूरी देने और पैसे गलत तरीके से ट्रांसफर करने का आरोप है।

 

अगस्त में ED ने अनिल अंबानी से पूछताछ की थी

 

अगस्त में ईडी ने अंबानी को इस जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए भी बुलाया था। ED की जांच के बाद अगस्त में मुंबई में 35 जगहों पर छापेमारी की गई, जिसमें 50 कंपनियां और करीब 25 लोग शामिल थे।

 

CBI ने सितंबर में चार्जशीट फाइल की थी

इससे पहले यस बैंक के साथ फ्रॉड मामले में CBI ने 18 सितंबर को अनिल अंबानी और अन्य लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग चार्जशीट फाइल की थी। इन पर आरोप है कि अंबानी की ग्रुप कंपनियों और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर के परिवार की कंपनियों के बीच कथित तौर पर फर्जी लेन-देन हुए, जिससे बैंक को 2,796 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

CBI ने कहा था कि राणा कपूर ने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल करके यस बैंक के फंड्स को अंबानी की फाइनेंशियली कमजोर कंपनियों- RCFL और RHFL में डाला। बदले में, अंबानी की कंपनियों ने कपूर फैमिली की कंपनियों को कम ब्याज पर लोन और इन्वेस्टमेंट दिए। ये एक क्विड प्रो क्वो (लेन-देन का सौदा) था।

CBI ने ये केस 2022 में यस बैंक के चीफ विजिलेंस ऑफिसर की शिकायत पर शुरू किया। चार्जशीट प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और IPC की धाराओं के तहत दाखिल की गई है, जो धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और पब्लिक प्रॉपर्टी के दुरुपयोग से जुड़ी हैं।

1 week ago व्यवसाय