छात्राओं का शिक्षा मार्च: आधी रात 65 किमी पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंचीं 90 छात्राएं, स्कूल में शिक्षकों की कमी से हैं नाराज

छात्राओं का शिक्षा मार्च: आधी रात 65 किमी पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंचीं 90 छात्राएं, स्कूल में शिक्षकों की कमी से हैं नाराज

अरुणाचल प्रदेश के एक स्कूल की 90 छात्राओं ने दो शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 65 किमी लंबा पैदल मार्च निकाला। वे अपने गांव से रात भर चलकर सुबह जिला मुख्यालय पहुंचीं। उनका आरोप था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी स्कूल में शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही थी।

जिला मुख्यालय में जैसे ही छात्राएं अधिकरियों से मिलीं, प्रशासन को तुरंत प्रभाव से शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश देना पड़ा। स्कूल में दो महीने से भूगोल और राजनीतिक विज्ञान के शिक्षक नहीं थे।

 

अंधेरी रात और नीले यूनिफॉर्म में मार्च


एक अफसर ने बताया कि नीले स्कूल यूनिफॉर्म में इन छात्राओं ने रविवार को न्यांगनो गांव से अपनी पैदल यात्रा शुरू की. ये बच्चियां पूरी रात चलीं और सुबह जिला मुख्यालय लेम्मी पहुंचीं. इन लड़कियों के इस मार्च के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

इन स्कूली बच्चियों की शिकायत है कि उनके यहां भूगोल और राजनीति विज्ञान के शिक्षकों की कमी है. छात्राओं ने ऐसे पोस्टर पकड़े हुए थे जिन पर लिखा था 'शिक्षक के बिना एक स्कूल सिर्फ एक इमारत है'. लड़कियों का कहना है कि उनके पास कोई और चारा नहीं था. उन्‍होंने आरोप भी लगाया कि बार-बार  उन्होंने टीचर की मांग लेकिन अफसरों ने हर बार इसे अनसुना कर दिया. 

 

कौन है इसका जिम्मेदार?


शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि इन्होंने अपने पैदल मार्च के बारे में स्कूल या हॉस्टल वॉर्डन को कुछ नहीं बताया था. स्कूल प्रिंसिपल ने माना कि भूगोल और राजनीति विज्ञान के शिक्षकों की कमी है, लेकिन बाकी विषयों के लिए पर्याप्त ट्यूटर हैं. ये घटना बताती है कि 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' जैसे नारे दिल्ली से निकलते हैं लेकिन देश के सुदूर हिस्सों में आज भी उनकी गूंजी फीकी ही रहती है.

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