
Rupee vs Dollar: डॉलर के सामने रूपया धड़ाम , अबतक के सबसे लो स्तर पर रुपया..52 पैसे टूटकर 88.76 प्रति डॉलर
दोपहर के कारोबार के दौरान भारतीय रुपये अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.76 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। पहले ट्रंप के टैरिफ की वजह से रुपये गिरा और अब एक बार फिर से अमेरिकी एक्शन का असर भारतीय करेंसी पर पड़ रही है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि से बाजार में उथल-पुथल मचने के बीच मंगलवार को रुपये में गिरावट जारी रही।
2025 में अब तक रुपया 3.25% कमजोर हुआ रुपया 2025 में अब तक 3.25% कमजोर हो चुका है। 1 जनवरी को रुपया डॉलर के मुकाबले 85.70 के स्तर पर था, जो अब 88.49 के लेवल पर पहुंच गया है। करेंसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियां भी रुपये पर भारी पड़ रही हैं।
हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय गुड्स पर टैरिफ बढ़ाया है और H1B वीजा फीस 1 लाख डॉलर कर दी है। इससे न सिर्फ भारत के एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़े हैं बल्कि IT सेक्टर पर भी सीधा असर पड़ सकता है।
इम्पोर्ट करना महंगा होगा
रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इम्पोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढ़ना भी महंगा हो गया है। मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 50 थी, तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिल जाता था। अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 88.49 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इससे फीस से लेकर रहना-खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी।
क्यों गिर रहा रुपया
रॉयटर्स ने एएनजेड बैंक के विदेशी मुद्रा रणनीतिकार धीरज निम के हवाले से कहा, "रुपये पर, टैरिफ 50% तक बढ़ने के कारण दबाव बढ़ गया है और वीजा से जुड़ी हालिया खबरें इक्विटी प्रवाह, खासकर आईटी क्षेत्र में, के लिए लगातार नकारात्मक हैं।"